Tuesday 3 August 2010
तम्बाकू से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य
यदि किशोर तम्बाकू के इस्तेमाल से बच कर रहें तो उनकी उम्र 20 वर्ष तक बढ़ सकती है।
भारत में प्रतिवर्ष 900,000 लोगों की तम्बाकू से होने वाली बीमारियों से मृत्यु हो जाती है।
भारत में 56.4 प्रतिशत पुरूषों और 44.9 प्रतिशत महिलाओं को कैंसर तम्बाकू के कारण होता है।
विश्व में मुंह के कैंसर के सबसे अधिक रोगी भारत मे हैं जिसका मुख्य कारण तम्बाकू है।
भारत में श्वास एवं फेफड़ों की बीमारी के 82 प्रतिशत मामले ध्रूमपान की वजह से होती है।
तम्बाकू अप्रत्यक्ष रूप से फेफड़ों की तपेदिक या टीबी को जन्म देता हैः ध्रूमपान न करने वाले लोगों के बजाय ध्रूमपान करने वाले व्यक्तियों में टीबी की संभावना तीन गुना ज्यादा होती है। जिन लोगों में जितनी अधिक बीड़ी, सिगरेट या अन्य कोई ध्रूमपान की आदत होगी उन्हें टीबी होने की आशंका उतनी ही अधिक होगी। ध्रूमपान करने वाले लोगों में टीबी से होने वाली मौत की संभावना भी ध्रूमपान न करने वालों से 3-4 गुना अधिक होती है।
ध्रूमपान करने वाले करीब आधे किशोरों की मृत्यु इससे हो जाएगी। (इनमें से करीब एक चैथाई की मृत्यु अपनी आधी उम्र में और एक चैथाई की मृत्यु बुढ़ापे में होगी)
यह अनुमान लगाया गया है कि दुनिया के किसी अन्य देश की तुलना में भारत में तम्बाकू जनित रोगों से मरने वाले लोगों की संख्या बड़ी तेजी से बढ़ती जा रही है।
भारत में प्रतिवर्ष 900,000 लोगों की तम्बाकू से होने वाली बीमारियों से मृत्यु हो जाती है।
भारत में 56.4 प्रतिशत पुरूषों और 44.9 प्रतिशत महिलाओं को कैंसर तम्बाकू के कारण होता है।
विश्व में मुंह के कैंसर के सबसे अधिक रोगी भारत मे हैं जिसका मुख्य कारण तम्बाकू है।
भारत में श्वास एवं फेफड़ों की बीमारी के 82 प्रतिशत मामले ध्रूमपान की वजह से होती है।
तम्बाकू अप्रत्यक्ष रूप से फेफड़ों की तपेदिक या टीबी को जन्म देता हैः ध्रूमपान न करने वाले लोगों के बजाय ध्रूमपान करने वाले व्यक्तियों में टीबी की संभावना तीन गुना ज्यादा होती है। जिन लोगों में जितनी अधिक बीड़ी, सिगरेट या अन्य कोई ध्रूमपान की आदत होगी उन्हें टीबी होने की आशंका उतनी ही अधिक होगी। ध्रूमपान करने वाले लोगों में टीबी से होने वाली मौत की संभावना भी ध्रूमपान न करने वालों से 3-4 गुना अधिक होती है।
ध्रूमपान करने वाले करीब आधे किशोरों की मृत्यु इससे हो जाएगी। (इनमें से करीब एक चैथाई की मृत्यु अपनी आधी उम्र में और एक चैथाई की मृत्यु बुढ़ापे में होगी)
यह अनुमान लगाया गया है कि दुनिया के किसी अन्य देश की तुलना में भारत में तम्बाकू जनित रोगों से मरने वाले लोगों की संख्या बड़ी तेजी से बढ़ती जा रही है।
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