Dev-Dilse: कौन कहता है तुझे मैंने भुला रक्खा है
तेरी यादों को...: "कौन कहता है तुझे मैंने भुला रक्खा है तेरी यादों को कलेजे से लगा रक्खा है लब पे आहें भी नहीं आँख में आँसू भी नहीं दिल ने हर राज़ मुहब्बत का ..."
Friday 24 June 2011
रंग-बिरंगे बाल, सेहत का बुरा हाल
परमानेंट हेयर कलर करवाने वालों को बाद में त्वचा संबंधी दिक्कतों सामना करना पड़ता है। इसलिए यदि हेयर कलर करवाना भी हो तो परमानेंट के बजाय टेम्परेरी कलर करवाएं तो बेहतर है। परमानेंट हेयर कलर में अधिक मात्रा में अमोनिया होता है। जो बालों को सफेद करने के अलावा उनकी कोमलता खत्म कर देता है। इसके इस्तेमाल से कम उम्र में ही युवाओं के बाल अधिक झड़ने का खतरा हो जाता है। इसलिए जहाँ तक हो सके तो परमानेंट हेयर कलर के इस्तेमाल से बचना चाहिए ताकि शौक के चक्कर में सर के बाल न गंवाने पड़ें। हेयर कलर से होते हैं यह नुकसान : बालों का झड़ना, बालों का सफेद होना, सांस लेने में दिक्कत, गले में कफ जमना, सर्दी-जुकाम, त्वचा में जलन, एलर्जी, आंखें लाल होना, खुजली।
मीठा खाएं, डिप्रेशन भगाएं
चीनी का प्रयोग अवसाद को दूर करने में किया जाता है। शरीर के शुगर लेवल को ठीक कर नई ऊर्जा देता है। जब भी आप लो फील करें, चीनी से बने पदार्थों का सेवन करें। जूस का एक ग्लास, एक टुकड़ा केक या फिर एक दो चम्मच डेसर्ट को खाकर आप पहले जैसे तरोताजा महसूस कर सकते हैं। जैम और टोस्ट : कार्बोहाइड्रेट का सेवन अवसाद के मरीजों के लिए लाभकारी होता है। इसलिए ब्रेड में पाए जाने वाले कार्बोहाइड्रेट पर जैम लगाकर खाने से अच्छा महसूस करते हैं। ब्रेड की जगह आप मफिंस, ओट मिल्क भी ले सकते हैं। अंडे : संडे हो या मंडे रोज खाओ अंडे इस विज्ञापन में कही गई बात सौ फीसदी सही है। अंडे में पाए जाने वाला डीएचए 50 फीसदी अवसाद को ठीक कर सकता है। साथ ही शरीर को निरोगी रखता है। पालक : पालक में विटामीन-बी के साथ आयरन की प्रचुर मात्रा पाई जाती है। इसलिए लो फील करने पर कम से कम दो कप पालक का सूप पीने से इससे आप उबर सकते हैं। आयरन युक्त भोजन करें : आयरन युक्त भोजन से शरीर में ऊर्जा की प्राप्ति होती है। आयरन की सबसे अधिक कमी महिलाओं में होती है इसलिए अकसर वे अवसाद की शिकार हो जाती हैं। इससे बचने के लिए आयरनयुक्त भोजन करना चाहिए।
शाकाहार में है ज्यादा शक्ति
संतुलित शाकाहारी भोजन शरीर को सभी पोषक तत्व प्रदान करता है। यही नहीं,वह हृदय रोग, कैंसर,उच्च रक्तचाप,मधुमेह,जोड़ों का दर्द व अन्य कई बीमारियों से हमें बचाता भी है। उन लोगों में हाई ब्लड प्रेशर ज्यादा पाया गया जो मांस से अधिक प्रोटीन प्राप्त करते थे। शाकाहारी प्रोटीन में एमीनो एसिड पाया जाता है। यह शरीर में जाकर ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है। सब्जियों में एमीनो एसिड के साथ-साथ मैग्नेशियम भी पाया जाता है। यह हमारे रक्तचाप को नियंत्रित रखता है। अधिक मांसाहार करने वाले लोगों में फाइबर की भी कमी पाई गई है। फाइबर हमें अनाज से मिलता है। दाल,फलों का रस और सलाद से कई पोषक तत्व मिलते हैं। ये हमारे शरीर के वजन को भी संतुलित रखते हैं। ज्यादा मांसाहार मोटापा भी बढ़ा देता है। मांस में वसा की मात्रा बहुत होती है। हमारे शरीर को सबसे ज्यादा जरूरत होती है कार्बोहाड्रेट की। अगर आप सोचते हैं कि यह मांस में मिलेगा तो आप गलत हैं,क्योंकि मांस में कार्बोहाइड्रेट बिलकुल नहीं होता। यह ब्रेड,रोटी,केले और आलू वगैरह में पाया जाता है।
टमाटर खाएं, सेहत की लाली पाएं
टमाटर शरीर से विशेषकर गुर्दे से रोग के जीवाणुओं को निकालता है। इसमें भरपूर मात्रा में कैल्शियम, फास्फोरस व विटामिन-सी पाए जाते हैं। एसिडिटी की शिकायत होने पर टमाटरों की खुराक बढ़ाने से यह शिकायत दूर हो जाती है। हालांकि टमाटर का स्वाद खट्टा-सा होता है, लेकिन यह शरीर में खारी प्रतिक्रियाओं को जन्म देता है।इसके खट्टे स्वाद का कारण यह है कि इसमें साइट्रिक एसिड और मैलिक एसिड पाए जाते हैं। अपने खट्टेपन की वजह से ही यह एंटासिड के रूप में काम करता है। मधुमेह के रोगियों के लिए भी टमाटर बहुत उपयोगी होता है। यह पेशाब में चीनी के प्रतिशत पर नियंत्रण पाने के लिए प्रभावशाली होता है। साथ ही कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होने के कारण इसे एक उत्तम भोजन माना जाता है।टमाटर में विटामिन 'ए' काफी मात्रा में पाया जाता है, यह आंखों के लिए बहुत लाभकारी है। टमाटर से पाचन शक्ति बढ़ती है। इसके लगातार सेवन से जिगर बेहतर ढंग से काम करता है और गैस की शिकायत भी दूर होती है। जो लोग अपना वजन कम करने के इच्छुक हैं, उनके लिए टमाटर एक वरदान है। एक मध्यम आकार के टमाटर में केवल 12 कैलोरीज होती है।
मजाक नहीं समझते शराब के नशेड़ी
मिसाल के तौर पर देखा गया है कि शराब के नशेड़ी चुटकुले नहीं समझ पाते हैं. जर्मन न्यूरोसाइकोलॉजिस्ट जेनिफर उएकरमान्न व ब्रिटिश वैज्ञानिकों के एक शोध से पता चला है कि चुटकुलों पर मस्तिष्क के जिस हिस्से में प्रतिक्रिया होती है, शराब के नशेड़ियों में वह हिस्सा कुंद हो जाता है. जेनिफर उएकरमान्न बताती हैं कि इस अध्ययन में उनका काम था इंटरनेट से चुटकुलों को छांटना. इसकी खातिर उन्होंने लगभग 20 हजार चुटकुले पढ़े. उनको चुनने के मामले में कुछ एक बातों पर ध्यान देना पड़ा. मिसाल के तौर पर यह कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ कोई चुटकुला न हो.
अंततः 24 चुटकुले छांटे गए, जिनके जरिये पता लगाना था कि चुटकुलों में छिपे सामाजिक मुद्दों पर नशेड़ियों की क्या प्रतिक्रिया होती है.
अंततः 24 चुटकुले छांटे गए, जिनके जरिये पता लगाना था कि चुटकुलों में छिपे सामाजिक मुद्दों पर नशेड़ियों की क्या प्रतिक्रिया होती है.
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